अपने पचासवें वर्ष की यात्रा में अभिव्यक्ति की मासिक गोष्ठी
Chandigarh (sursaanjh.com bureau), 6 August: अपने पचासवें वर्ष की यात्रा में अभिव्यक्ति की मासिक गोष्ठी रचनाकार रह-रह कर टटोलते हैं अपना अतीत। उसी खजाने से बुआरकर सामायिक परिवेश की चुनौतियों के बीच बुनते हैं कविताएं, कहानियां और व्यंग्य आदि। समाज को एक आदर्श समाज में बदलने के जनून में शामिल हो जाते हैं। अभिव्यक्ति की पचासवें…