Chandigarh (sursaanjh.com bureau), 22 January:
हमारे राम/ सत्यवती आचार्य
चलो खुशियाँ मनाएँ आज हमारे राम आए हैं l
सिया, लक्ष्मण को और हनुमान जी को साथ लाए हैं l
करो न देर अब झट से झुकाओ शीश चरणों पर,
चलो लूटें, बटोरें, ढेर सारा प्यार लाए हैंll
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बड़ी लंबी डगर थी और बेसब्री का आलम था l
समय वह था भयावह क्रूर और बेहद ही ज़ालिम था l


मनःस्थिति थी बड़ी व्याकुल,व्यथित था हर हृदय बेकल,
मगर हम सब रुकावट और बाधा लाँघ आए हैं ll
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अयोध्या की ये नगरी इस धरा की इक धरोहर हैl
बनाती इस नगर को इक नदी सरयू मनोहर है l
कभी सरयू के घाटों पर थे खेले राम रघुनंदन,
कई जन्मों के प्रारब्धों ने दर्शन अब कराए हैं l
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हमारे राम श्री रघुराम तो करुणा के सागर हैं l
उँडेली हर हृदय में भर लबालब प्रेम गागर है l
हमारे राम का साम्राज्य तो जन जन क दिल में है,
हर एक प्राणी का करने वे यहाँ उद्धार आए हैं ll
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जो मर्यादा से जी लो तो तुम्हें मिल जाएँगे प्रभु राम l
करो रक्षा तुम हर प्राणी का तो तुमको मिलेंगे राम l
बनो कर्मठ, कृतज्ञ,हो सत्यनिष्ठ व दृढ़प्रतिज्ञ बनो,
चलो हम सत्य का डंका बजाएँ राम आये हैं l
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करो उदघोष भज लो जय सियावर राम जय श्री राम l
कहो प्रभु राम रघुपति राम जय जय राम जय श्री रामl
जपो श्री राम जय जय राम जय जय राम जय श्री राम l
हो भवसागर से बेड़ा पार जप लो राम जय जय राम l
भजो श्री राम जय जय राम जय जय राम जय श्री राम l
सत्यवती आचार्य, चंडीगढ़

