Chandigarh (sursaanjh.com bureau), 30 January:
साहित्यकार, शिक्षाविद् और रंगकर्मी डॉक्टर कैलाश अहलूवालिया के जन्म दिवस पर आज उनकी स्मृति में स्थापित हिंदी साहित्य की काव्य और कहानी विधा के लिए 2023/24 की पुस्तकों पर पहले डॉक्टर कैलाश अहलूवालिया स्मृति सम्मान के लिए विजेताओं की घोषणा की गई।


हिंदी साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान को प्रोत्साहन और मान्यता देने के उद्देश्य से यह पुरस्कार हर वर्ष प्रदान किए जाएंगे। इस वर्ष पुरस्कारों के चयन के लिए एक विशेष समिति का गठन किया गया, जिसमें साहित्य, अकादमिक जगत के प्रतिष्ठित विद्वान शामिल थे। उनकी गहन समीक्षा और विचार-विमर्श के बाद निम्नलिखित साहित्यकारों और कृतियों को सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है: काव्य विधा के लिए प्रथम पुरस्कार डॉक्टर प्रियंका भारद्वाज को उनकी पुस्तक “आसमान में धान” को मिला। डॉक्टर प्रियंका पेशे से सरकारी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर और जानी-मानी उभरती हुई कवि हैं।
द्वितीय पुरस्कार डॉक्टर निर्मल सूद को उनकी पुस्तक “शब्दों के परिंदे” को मिला। डॉक्टर निर्मल सूद सरकारी कॉलेज की रिटायर्ड प्रिंसिपल और जानी मानी कवि हैं। तृतीय पुरस्कार के लिए केंद्रीय सरकार से सेवा निवृत अधिकारी, कवि मंजीत शर्मा को उनके संग्रह “ऐसे गीत सुनाने होंगे” के लिए मिला। कहानी विधा में प्रथम पुरस्कार कहानीकार, कवि और डेंटल सरजन डॉक्टर विमल कालिया “विमल” को उनके कहानी संग्रह “हां, मैं औरत” के लिए मिला। द्वितीय पुरस्कार कवि, व्यंग्यकार, कहानीकार और पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट में सेक्रेटरी के पद पर कार्यरत अश्वनी भीम को उनके कहानी संग्रह “बहन कहती थी” के लिए दिया गया। तृतीय पुरस्कार, बैंकिंग सेवा से निवृत अधिकारी, कवि और कहानीकार नीरू मित्तल “नीर ” को उनके कहानी संग्रह “कोहरे से झांकती धूप” के लिए मिला।
हर वर्ष भारतवर्ष का कोई भी लेखक इस प्रतियोगिता में भाग ले सकता है। पुरस्कार समारोह का आयोजन आगामी 1मार्च 2025 को सेंट्रल स्टेट लाइब्रेरी चंडीगढ़ अभिव्यक्ति के बैनर तले किया जाएगा। इसमें विजेताओं को नगद पुरस्कार के साथ अवॉर्ड सर्टिफिकेट भी दिए जाएंगे। इस अवसर पर साहित्यिक जगत की अनेक प्रतिष्ठित हस्तियां उपस्थित रहेंगी।
डॉक्टर कैलाश अहलूवालिया स्मृति सम्मान संस्था के निर्देशक साहित्यकार और रंगकर्मी विजय कपूर ने कहा “डॉक्टर कैलाश अहलूवालिया एक अद्भुत प्रतिभा के साहित्यकार और रंग कर्मी थे जिन्होंने साहित्यकारों और रंगकर्मियों की तीन पीढ़ियों को प्रोत्साहित और प्रभावित किया।
इन पुरस्कारों के माध्यम से उनकी याद को ताज़ा रखते हुए हम हिंदी साहित्य को प्रोत्साहित करने हेतु हम हमेशा प्रयासरत रहेंगे! संस्था की संरक्षक राजमोहिनी वालिया ने विजेताओं को हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
विजय कपूर, निर्देशक, डॉक्टर कैलाश अहलूवालिया स्मृति सम्मान संस्था, चंडीगढ़।

